हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, निम्नलिखित परंपरा "ग़ेरर अल-हिकम" पुस्तक से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
قال امیرالمؤمنين عليه السلام:
اَقْبَحُ الصِّدقِ ثَناءُ الرَجُلِ عَلى نَفْسِهِ
अमीरुल मोमिनीन हज़रत अली (अ) ने फ़रमाया:
सबसे अवांछनीय सत्य व्यक्ति की स्वंम अपनी तारीफ़ करना है।
ग़ेरर अल-हिकम, भाग 2, पेज 388, हिजरी 2942
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